"मिट्टी मेरी जान "
अरे देख देख वह आगे बढ रहा उसका पैर तान।
कोहि कहता है कि तु मेरी मा है
कोहि कहता है कि तु मेरी सान है
लेकिन उन्हे क्या पता तु तो मेरी जान है।
दुनियाका पेट पालना तेरी धर्म है
अपने सन्तानको आगे बढ़ाना तेरी कर्म है
बस तु चाहे जो कुछ भी कर और बोल तु मेरी मर्म है।
चाहे बसन्त चाहे गृष्म तेरेको कभी नही मिलता सुकुन
अन्न हो या बालि तेरी अपनि पहेचान नन्हे मुन्हे मिलते है अपुन
तु कितनी हि बेकसुर हो तु तो मेरी प्यार मे कसुर वर झुलाति है।
आज एक बेटा तेरेसे क्या मागे या क्या दे
तु तो पूर्ण है तेरे बिना क्या बोलु या क्या कहु बे
मिट्टी तु मेरी मा नही पिता नही ख्वाइस नही लेकिन तु तो मेरी जान है।
तु तो मेरी जान है